दोस्तों, वार्षिक परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका हैं। आप सब बड़े ही ज़ोरों-शोरों से परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं, ताकि आप सभी अच्छे अंक ला सके। परन्तु पढ़ाई करते वक़्त अक्सर ध्यान भटक जाना स्वाभाविक है। एकाग्र न होने की वजह से उसका असर आपके अंकों पर पड़ता है। दोस्तों, जब हम अपना पसंदीदा टीवी Show या गेम खेल रहे होते हैं तो न जाने कितने घंटे उसी में आंखें गड़ाए बैठे रहते हैं उसी तरह क्रिकेट मैच में भी खाना-पीना छोड़कर एकटक उसे देखते रहते हैं। हमारा सारा ध्यान उसी में होता है, लेकिन पढ़ाई करते हुए ध्यान बंटने में ज्यादा टाइम नहीं लगता। अगर मीलों दूर कोई म्यूजिक बज रहा हो तो जैसे पढ़ाई से ध्यान हटाने का बहाना मिल गया हो। तो आइये दोस्तों जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जो आपके पढ़ने के तरीके हो बेहतर बनाएंगे।
बच्चों, इसे समझने के लिए हमें ‘रुचि’ को अच्छे ढंग से समझना होगा। मान लीजिए कि आपको किसी Function या Party के फोटो दिए जाते हैं, जिसमें आप भी शामिल थे,तो आप उन फोटो में सबसे पहले क्या देखोगे? जाहिर है, आप सबसे पहले खुद की ही फोटो देखना चाहेंगे। ज्यादातर समय आपकी रुचि अपने आप को देखने में रहती है। इसका मतलब हैं कि जिस सब्जेक्ट में आप ज्यादा रुचि लेते हैं, उसी पर ज्यादा Concentrate कर पाते हैं।
दोस्तों, मान लीजिये आप किसी कक्षा में है और आपको प्राचीन मानव और उनके विकास के बारे में बताया जा रहा हैं जैसे – ‘प्राचीन मानव गुफा में रहा करता था, उन्होंने दो पत्थरों को आपस में रगड़कर आग की खोज की और वे पत्ते पहना करते थे’..। अब चलते हैं इसी टॉपिक की दूसरी कक्षा में जहां आप खुद को आदिमानव के रूप में सोचें जैसे- ‘तुम गुफा में रहा करते थे, तुमने पत्थरों को रगड़कर आग की खोज की, तुम शरीर पर पत्तियां और जानवरों की खाल पहनते थे। दूसरी कक्षा में आपने खुद को शामिल किया जिससे आप इस टॉपिक से जुड़ गए और आपके सारे कांसेप्ट क्लियर होते गए। आप कोई भी विषय पढ़ रहे हों उसमें खुद को पूर्णतः शामिल ज़रूर करें।
जब तक हम रिपीट न करें, तो किसी चीज को पढ़ने और सीखने का कोई महत्व नहीं है। हम सब जानते हैं कि दोहराना कितना जरूरी है, लेकिन अच्छा रिजल्ट पाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से रिपीट करना इम्पॉर्टेट है।
अगर हम किसी टॉपिक को दिन में दो घंटे याद करते हैं, तो इसे कब रिपीट करना चाहिए? वैज्ञानिक तौर पर कहें तो पहले 24 घंटे खत्म होने तक रिपीट हो जाना चाहिए। इसका एक कारण है कि हमारा दिमाग नई सीखी हुई चीज या सूचना को 80 से 100 प्रतिशत तक केवल 24 घंटे के लिए ही धारण कर पाता है। अगर इस दौरान दोबारा ना पढ़ा जाए या रिपीट न किया जाए तो उतनी ही तेजी से भूलने का चक्र भी शुरू हो जाता है। इसलिए पहला रिवीजन 24 घंटे खत्म होने से पहले ज़रूर हो जाना चाहिए। 24 घंटे में एक बार रिपीट करने के बाद हमारा दिमाग इस सूचना को लगभग सात दिन तक याद रखता हैं। सात दिन के बाद भूलने का चक्र दोबारा तेजी से शुरू हो जाता है। अगर हम 24 घंटे में पहला और सात दिन बाद दूसरी बार रिवाइज करें, तो हमारा रिपीट करने का टाइम केवल 10 प्रतिशत ही रह जाता है। यह दस प्रतिशत उस समय का है, जो टॉपिक को सीखने में लगा है।
हर 40 से 50 मिनट की पढ़ाई के बाद रेस्ट करना जरूरी होता है। यह आराम करीब 10 मिनट का होना चाहिए। 10 मिनट के आराम का अर्थ है, इस दौरान पूर्ण आराम, नहीं तो अलग-अलग पढ़ा हुआ ज्ञान व सूचना, दिमाग को उलझाए रखेंगे । 10 मिनट में आप अपना मनपसंद संगीत सुन सकते हैं या हल्की आरामदायक एक्सरसाइज भी कर सकते हैं|
हमने अक्सर सुना है कि सुबह उठ कर पढ़ने का समय सबसे बेहतर माना गया है क्योंकि इस समय वातावरण शांत व ताजगी भरा रहता है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार हमारे सो जाने के बाद हमारे द्वारा किये गए कार्य हमारे दिमाग में चलते रहते हैं यानि कि हमारा अवचेतन मन कार्य कर रहा होता है जिसकी वजह से हमें सपने आते हैं। यदि इसी नियम को हम उन विषयों को समझने में लगाएं जो कि हमारे लिए सबसे कठिन है। तो जब आप सुबह सो कर उठेंगे तो वह टॉपिक आपको अच्छी तरह से समझ में आएगा।
प्यारे बच्चों, आप इन तरीकों को अपनाकर अपनी परीक्षा के डर और तनाव को दूर कर सकते हैं और अच्छे अंक लाकर परीक्षा में सफल हो सकते हैं| हमेशा याद रखिये बच्चों “मेहनत ही सफलता की कुंजी हैं।” तो खूब मेहनत करें, स्वस्थ रहें और सकारात्मक सोच रखें।
Geochild की तरफ से आपको Exams के लिए ALL THE BEST…..